Friday 29 April 2016

अपराध के साथ बढ़ता बिहार...

      
पांचवी बार...नीतीशे कुमार... बिहार में बहार हो नीतीश कुमार हो ऐसे नारे जो हमारे कानों को सुकून देने वाले थे...जेडीयू नेताओं के लिए रामायण, वेद से भी ज्यादा पवित्र इस नारे के साथ नीतीश कुमार जब बिहार के सीएम बनें तो लोगों को लगा कि नीतीश अपनी छवी के साथ छल नहीं करेंगे.. बिहार के साथ न्याय करते रहेंगे उनके शासन में सुशासन का राज कायम रहेगा...कानून का राज रहेगा क्योंकि नीतीश कुमार सुशासन के नाम पर ही सियासत के सिहांसन पर विराजमान हुएं है , आज नीतीश की नजर दिल्ली में पीएम की कुर्सी पर है और नीतीश के नजरों के सामने उनका बिहार जल रहा है...नीतीश की जिस छवि को जनता ने छांव देना वाला समझकर वोट दिया था आज नीतीश ने अपनी छवि को बिहार में गड़गड़ाती गोलियों से छल्ली-छल्ली कर दिया है...नीतीश का सुशासन लालू से साथ नए सियासी समीकरण के साथ कुशासन में बदल गया है... आज बिहार के गलियों में, सड़कों पर खुलेआम गोलियों की गुंज आसमान में गड़गड़ात से साथ सुनी जा सकती है... 

12 फरवरी को जब बिहार बीजेपी के उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा की हत्या हुई तो सुशासन का राग अलापते जेडीयू के नेता ने कहा मारे गए लोग धरती के बोझ थेअगर बीजेपी नेता धरती के बोझ थे तो क्या आरा में जिस आरजेडी नेता की बहन की हत्या कर दी गई वो भी बोझ थी...पटना में जिस दारोगा की हत्या कर दी गई क्या वो भी थरती का बोझ था.... जिंदगी से दूर जाता और जिंदगी की जंग हारता हर इंसान अगर धरती का बोझ है तो क्यों नहीं नीतीश कुमार हर किसी को धरती का बोझ हल्का करने की खुली छूट दे दें....क्यों नीतीश कुमार जनता के नाम पर हर हफ्ते जनता दरबार लगाते है..



अगर बिहार में हर महीने औसतन 6 हत्याएं और ज्यादातार सत्ताधारी पार्टी के नेताओं की हत्या सुशासन हैं तो फिर जंगलराज या कुशासन क्या है...देश का प्रधानमंत्री बनने का सपने देख रहे नीतीश कुमार के लिए क्या सुशासन की परिभाषा बदल गई है...या नीतीश कुमार ने हत्या के साथ सुशासन के समीकरण की कोई नई किताब पढ़ ली हैं... या फिर सुशासन को लेकर सुशासन बाबू का टैग लिए नीतीश कुमार की सोच बदल गई है....लेकिन बिहार में सियासी हत्याएं जारी हैं कल बीजेपी के विशेश्वर ओझा धरती के बोझ थे..आज नीतीश के नजरों के सामने लालू के नेता मारे जा रहें हैं.....वाकई में बिहार की धरती का बोझ कम हो रहा है
बिहार में बहार के साथ नीतीश की बदलते छवि के कुछ आंकड़े


5 फरवरी को एलजेपी के नेता बृजनाथी सिंह की एके47 से हत्या
11 फरवरी ATM गार्ड की हत्या, 11 लाख की लूट
11 फरवरी छपरा में बीजेपी नेता की हत्या
12 फरवरी को बिहार बीजेपी के उपाध्यक्ष विशेश्वर ओझा की हत्या, जेडीयू के नेता ने कहा मारे गए लोग धरती के बोझ
16 फरवरी समस्तीपुर में आरेजेडी नेता विरेंद्र यादव के सहित दो लोगों की एके47 से हत्या
22 फरवरी आरा में माले नेता की हत्या

16 मार्च गोपालगंज में चुनावी रंजीश में माले नेता की  हत्या
25 मार्च रणवीर सेना के पूर्व कमांडर की गोलीमार कर हत्या

11 अप्रैल पटना में दवा व्यापारी की गोलीमार हत्या
11 अप्रैल मुजफ्फरपुर कोर्ट परिसर में पेशी के लिए आए कैदी की गोलीमार कर हत्या
12 अप्रैल आरा में राजद विधायक सरोज यादव की बहन को सरेआम छेड़ा, रॉड से पीटकर हत्या

17 अप्रैल को युवा राजद जिलाध्यक्ष श्याम सुंदर दास तांती की गोलीमार कर हत्या
18 अप्रैल छपरा कोर्ट में आत्माघाती हमला
18 अप्रैल- पटन के मरांची थाने बिहार में इंस्पेक्टर सुरेश ठाकुर की हत्या
27 अप्रैल को आरा में युवक की गोलीमार हत्या
28 अप्रैल को सहरसा में निवर्तमान मुखिया व राजद नेता अनिल की गोलीमार कर हत्या

28 अप्रैल को मोतिहारी के जिला आरेजेडी युवा अध्यक्ष हामिद रजा उर्फ राजू पर देर रात हमला , बाल-बाल बचे