लोकसभा चुनाव में
नामांकन दाखिल करने गए नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ना मुझे किसी ने भेजा, ना मैं
आया हूं, मुझे तो गंगा मइया ने बुलाया है... लेकिन नीतीश कुमार आज वाराणसी गए थे नाही
नीतीश कुमार को किसी ने भेजा था नाही नीतीश कुमार को किसी ने बुलाया था....
बिहार के सीएम और नए
नबेले जेडीयू के अध्यक्ष बनें नीतीश कुमार आज बनारश में थे..अपने कार्यकर्ताओं में
2019 के लिए चुनावी जोश भरने गए थे... मोदी के गढ़ में अपनी सियासी हुंकार को
सुनाने गए थे...बीजेपी के खिलाफ सियासी दलों को एकजुट करने गए थे...बिहार के शराब
बंदी को सफल बताने के लिए शराब-धतुरा पीने वाले भोले के नगरी में आज नीतीश कुमार
2019 के लिए हुंकार भरने गए थे...नीतीश की हुंकार से पहले ही कार्यकर्ताओं में जोश
खुब दिखा और जोश भी माउंटेन ड्यू वाला बल्कि महाभारत वाला जोश...नीतीश के मोह में
कार्यकर्ताओं ने पोस्टर लॉच किया पोस्टर में नीतीश के सियासी सार्थी शरद यादव बने
हैं जबकि नीतीश को पोस्टर में अर्जुन दिखाए गया है ...
यूपी में महाभारत
वाले पोस्टर आजकल चर्चाओं में है क्योंकि 2017 में विधानसभा चुनाव होने वाला
है...इस चुनाव के परिणाम के आधार पर 2019 का सियासी समीकरण तैयार होगा...दिल्ली की
कुर्सी पर बैठना है तो वाया लखनउ जाना होगा...वैसे नीतीश को अर्जुन वाले पोस्टर से
पहले कई सियासी पोस्टर आए..हर पोस्टर में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने अपने नेताओं
को अलग रुप में दिखाया... किसी ने दबंग
दिखाया तो किसी ने अपने नेता को कृष्ण बताया...तो किसी ने अपने नेता को काली
दिखाया...हर पार्टी के लिए उनका नेता भागवान था... वैसे पोस्टर पॉलिटिक्स की शुरुआत
बीजेपी ने की यूपी बीजेपी के नए अध्यक्ष केशव प्रसाद मोर्य को कृष्णा दिखाया गया तो
देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने अपने उपाध्यक्ष राहुल गांधी को दबंग दिखा
दिया तो अपने आप को दलितों का मसीहा बताने वाली पार्टी BSP ने मायावती को काली
के रुप में दिखा दिया...
वाराणसी कहे या बनारस आज केवल एक नाम भर नहीं....देश की
सियासत का एक बड़ा अखाड़ा बन गया है...पहले बनारस लोग भोले बाबा के दर्शन के लिए जाते थे आज राजनीतिक
पार्टियां बनारस में अपनी राजनीति के बेस को मजबूत करने जाती है....बनारस वो बेस है जहां से बिहार और यूपी दोनो को सियासी रुप से साधा जा सकता है...शायद नरेंद्र मोदी की भी ऐही सोच होगी जो आज नीतीश सोच रहे हैं।
नीतीश ने सभा
में जब बोलने शुरु किया सबसे पहले जिक्र किया अपने पुराने साथी बीजेपी का... जिक्र
किया की बीजेपी को घमंड है बीजेपी वाले हर किसी का मजाक उड़ाते है ..हमारा मखौल
उड़ाते है.. मुस्कुराते-मुस्कुराते नीतीश कुमार भी उस बीजेपी का मजाक उड़ा रहे थे...नीतीश
ने बीजेपी और नरेंद्र मोदी को नसीहत भी दे दी कि राजनीति में अहंकार सबको बर्बाद
कर देती है…अहंकार का अनुभव नीतीश कुमार से अच्छा किसको हो
सकता है...भला नीतीश से बेहतर कौन बता सकता है कि अहंकार का नुकसान कैसा होता है
और अहंकार टूटने के बाद क्या होता है....नीतीश जानते है कि अहंकार में बीजेपी से
17 साल पुराना याराना तोड़ने का क्या नतीजा होता है और अहंकार टूटने के बाद लालू के
साथ नए रिश्ता बताने पर चुनावी फायदा क्या होता है।
प्रधानमंत्री के
संसदीय क्षेत्र वाराणसी की सभा में नीतीश कुमार ने बीजेपी और मोदी को एक नसीहत भी
दे दी..नसीहत था किसी का मजाक नहीं उड़ाने का... नीतीश की नरेंद्र मोदी को नसीहत
इसलिए है क्योंकि बिहार की जनता ने नरेंद्र मोदी को नकारकर नीतीश कुमार को नेतृत्व
की जिम्मेदारी जो दी है... मोदी के गढ़ में नीतीश बनारसियों के पूछ रहे थे आप भी
जनते है कि मोदी जी ने क्या किया...
नीतीश की मुस्कान मोदी को उकसा रही थी..2019 के
लिए उकसा रही थी... नीतीश ने नरेंद्र मोदी के 15 लाख देने के वादे का जिक्र करते
हुए बीजेपी और नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा कि क्या हुआ 15 लाख का जो आपने वादा किया
किया...वादा-वादा ही रह गया...आपके अध्यक्ष ने पीएम के वादे को जुमला बता दिया…नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी का दर्द समझ रहे थे और
समझे भी क्यों ना नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी दोस्त रह चुके है दोस्ती के दौर में
दोनों अपने-अपने रियासत के राजा रह चुके है रियासत भी ऐसा की उसका देश की सियासत
में नाम है किसी का गुजरात मॉडल तो किसी का सुशासन राज...आज देश की सियासत इस मोड़
पर खड़ी है जहां से ना मॉडल दिख रहा है और नाही सुशासन राज...
नीतीश मोदी का दर्द
समझ रहे थे नीतीश ने कहा कि 15 लाख पुरे देश के लोगों को देने में समय लगेगा...15
हजार देने से ही शुरुआत तो कर देते तो लोगों को आपसे उम्मीद बनी रहेगी ..आप पर लोगों का भरोसा बना रहेगा..लेकिन आपने
लोगों का भरोसा तोड़ दिया है...वाराणसी के इस सम्मेलन से नीतीश कुमार ने अपने
पुराने दोस्त और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साफ-साफ बताने की कोशिश की
है 2019 में मोदी और नीतीश की सीधी टक्कर है...लेकिन नीतीश का निशाना सीधे तौर पर
नरेंद्र मोदी नहीं थे बल्कि नीतीश ने संघ के सहारे मोदी पर जोरदार हमला बोला...आज
नीतीश संघ से सवाल पूछ रहे है बताइए ना सर संघचालक साहब देश की आजादी में आपका
क्या योगदान है देश को आपने क्या दिया...नीतीश का सवाल संघ से था कि आपने देश के
लिए क्या जो आप देश भक्ति सिखा रहे है...संघ से सवाल करते समय बिहार के सीएम साहब
भूल गए संघ का योगदान वो है जब देश पाकिस्तान से लड़ रहा था ...हिंदुस्तान का साथ
संघ दे रहा था...जब देश चीन से लोहा ले रहा था तब संघ देश के फौज के साथ खड़ा
था... नीतीश का सवाल संघ से था पर निशाना नरेंद्र मोदी थे...17 साल तक जिस पार्टी
के सहारे नीतीश कुमार सत्ता में थे आज नीतीश का निशाना उसी बीजेपी पर था..निशाना
नरेंद्र मोदी पर था निशाना नरेंद्र मोदी के नीतिओं पर था..संघ पर निशाना साधते हुए
नीतीश ने जोरदार हमला किया और ऐसा हमला की संघ के सहारे सत्ता में आए नरेंद्र मोदी
भी समझ गए होंगे कि नीतीश की निगाहे किस पर है और निशाना कौन है जाहिर सी बात है
नीतीश की निगाहे पीएम की कुर्सी पर है और निशाना नरेंद्र मोदी है....नीतीश ने
बिहार में शराब बंदी का भी जिक्र किया...शराब के सहारे अपनी सियासी पीठ भी खुब
थपथपाया...बीजेपी पर हमला भी बोला लोगों का भरोसा बीजेपी से उठ गया...बीजेपी ने
लोगों का भरोसा तोड़ा है।
चुनावी चौहदी तौयार
करने नीतीश आज बनारस गए थे...बीजेपी के खिलाफ गोलबंदी करने गए थे....मोदी के खिलाफ
हल्ला बोलने गए थे ..नीतीश
ने अपने संबोधन में बीजेपी के खिलाफ खुब बोला..नीतीश जितना सोच कर आए थे उससे
ज्य़ादा बोले... लेकिन नीतीश ने ना मुलायम की खिलाफत और नाही मायामती की मुखालफत की
तो क्या नीतीश वाकई में 2019 में सभी पार्टियों को बीजेंपी के खिलाफ एक मंच पर ला
पाएंगे ....क्या मुलायम-मयावती की दोस्ती करा पाएंगे जो संभव नहीं....लेकिन
राजनीति की नीति बिल्कुल अलग होती है जो 17 साल तक दोस्त था वो आज दुश्मन है...जो
एक दशक से विरोधी था वो आज सत्ता में सहयोगी है...राजनीति में सही नीति वही होती
जो सही समय पर राज करने की नीति होती है और राजनेता वही होता है जिसके पास संसद
में संख्या और सड़क पर जनसैलाब होता है।
वाराणसी में नीतीश
की सभा बीजेपी को राश नहीं आई बिहार बीजेपी के अध्यक्ष मंगल पांडेय ने बिहार की
तुलना रोम से की और नीतीश की तुलना नीरो से...मंगल पाणडेय ने नीतीश को निशाने में
पर लेते हुए बोला की बिहार जल रहा है और नीतीश सियासी बंसी बजा रहे हैं...मंगल
पाणडेय ने नीतीश की सभा को नौटंकी करार दिया ..पैसे पर जुटाने वाली भीड़ की सभा
बता दिया..मंगल पाणडेय ने नीतीश को नसीहत दी बिहार में बढ़ते अपराध पर सीएम साहब
नकेल कशे।