Friday 29 July 2016

कांग्रेस का ‘हार्दिक’ प्लान’

2014 आम चुनाव में देश की सबसे पुरानी पार्टी का दंभ भरने वाली भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का जब दम निकला तो मानों कांग्रेस सियासी मणसजज्या पर चली गई, कांग्रेस के आला कमान और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि कांग्रेस की इतनी बड़ी हार होगी कि 5 राज्यों में कांग्रेस क्लिन बोल्ड हो जाएगी, 2014 के चुनाव में हार से कांग्रेस के सियासी करियर पर ही सवाल खड़े होने लगे. कांग्रेस पार्टी को इस बात का अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि   ‘India is Indira and Indira is India’ वाली इंदिरा गांधी की कांग्रेस का सियासी रखुस हिंदुस्तान की सियासत में इस कदर धुमिल हो जाएगा मानों जैसे काले बादलों में चांद की छवि धूमिल हो जाती है, लेकिन कांग्रेस पार्टी जिसे अपनी पार्टी का चांद समझती है जिसे अपनी पार्टी की तीसरी आंख समझती है जिसे पार्टी का तारणहार समझती है वो सख्श राहुल गांधी 12 साल के सियासी सफर में अपनी पार्टी के सियासत में कोई सुधार नहीं कर पाएं...12 साल एक युग होता है इन वर्षों में एक बच्चा अपनी समझ की समझदारी दिखाना लगता है..लेकिन देश की 128 साल पुरानी पार्टी में ऐसा कुछ नहीं हुआ, एक के बाद एक कई रियासतों में कांग्रेस की सियासी हार होती गई और कांग्रेस आला कमान की तीसरी आंख तक नहीं खुली।



ऐसे में अब कांग्रेस को बैठे बैठाए मोदी के खिलाफ मुद्दा मुद्दा मिला गया है मुद्दा मोदी के गुजारात का हैं जहां से हार्दिक पटेल ने मोदी के खिलाफ बगावत कर दी है, मोदी को सियासी चुनौती दे दी हैं, पटेल आरक्षण की मांग को लेकर सुर्खियों में आएं हार्दिक पटेल को राजद्रोह के केस में जेल हुआ था इसी महीने हार्दिक को बेल मिली है लेकिन शर्त है कि 6 महीने के लिए पाटीदार नेता हार्दिक पटेल गुजरात में नहीं होंगे। 6 महीने के लिए पटेल को राज्यबदार किया गया है, पीएम के गुजरात ने जिस हार्दिक पटेल को अपने से दूर किया है उसे मोदी विरोधी अपने करीब लाकर अपनी सियासी हार्दिक इच्छाओं को पूरा करना चाहते है। जो नेता कल तक सत्ता में रहते हुए अपने समुदाय के लिए आरक्षण के लिए एक आवाज तक नहीं उठाते थे वो आज पटेल समुदाय के लिए आरक्षण को लेकर हार्दिक पटेल के साथ खड़े है, हम बात कर रहे है राज्स्थान कांग्रेस के पूर्व विधायक और राजस्थान में पटेल समुदाय के अध्यक्ष पुष्करलाल डांगी की, पुष्करलाल डांगी UPA सरकार में मंत्री रहे सीपी जोशी के खास लोगों में से एक है ऐशे में डागी की कोशिश रहेगी की वो पटेल की सियासी आरक्षण को सही से भुना सके, डांगी जब अशोक गहलोत सरकार में विधायक थे जब डांगी ने कभी अपने समुदाय के लिए आरक्षण की मांग नहीं की, आज डांगी पटेल आरक्षण के लिए आवाज बुलंद कर अपनी सियासी विरासत को बचाने की कोशिश में जुट गए है। 


फाइल फोटो-हार्दिक पटेल
6 महीने के लिए राज्यबदर हुए हार्दिक पटेल अगले 6 महीने तक पुष्करलाल डांगी के घर रहेंगे और सियासी समीकरण को भुनाने के लिए पुष्करलाल डांगी को सियासत की सिख देंगे, राजस्थान में हार्दिक पटेल के सहारे कांग्रेस की पूरी कोशिश होगी कि आरक्षण के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार को बैकफूट पर ला सके, राजस्थान में आरक्षण का मुद्दा अभी कोर्ट में विचाराधीन हैं लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को अपने हाथ से  नहीं निकलना देना चाहती हैं, वही दूसरी तरफ मोदी सरकार और आनंदी बेन सरकार के लिए आफत बन चुका पाटीदार आरक्षण आन्दोलन से बीजेपी शासित केंद्र और राज्य दोनों सरकारों के लिए पाटीदार समुदाय से निपटना मुस्किल होगा और निपटना जरुरी भी क्योंकि २०१७ में गुजरात में विधानसभा चुनाव हैं ऐसे में मोदी और आनंदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस के हाथ एक बड़ा मुद्दा है जिससे बीजेपी सरकार बैकफूट पर आ सकती हैं, २०१८ में राजस्थान और २०१९ में लोकसभा चुनाव हैं ऐसे में पटेल समुदाय को आरक्षण का मुद्दा पूरे देश में बीजेपी विरोधी इसे चुनावी मुद्दा बना सकते हैं।   
  



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