Saturday 9 July 2016

जाकिर का 'जहरीला' जिहाद

कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक डॉ जाकिर नाईक इन दिनों हिंदुस्तान ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के  मीडिया में चर्चा का केंद्र बना हुआ है...जाकिर की चर्चा ..जाकिर की तकरिर की चर्चा ..जाकिर के खबरें इसलिए नहीं है कि वो आतंकवाद के खिलाफ इस्लाम को उकसा रहा है...इस्लाम को आतंक के खिलाफ एकजुट कर रहा है...बल्कि जाकिर जहरिले बोल बोलकर इस्लाम के युवाओं को आतंकवाद के लिए उकसा रहा है...वो बता रहा है कि मुसलमानों आओ आतंकवादी बनों मैं आतंकदूत हूं...जुलाई 2016 के पहले हफ्ते में बांग्लादेश में हुए आतंकी हमले के दो संदिग्धों ने कहा कि वो जाकिर से प्रभावित थे तो क्या जाकिर इस्लाम आतंकवाद को बढ़ावा नहीं दे रहा है..क्या जाकिर के जहरिले बोल समाज में जहर नहीं फैला रहा है...क्या जाकिर आतंकवाद को बढ़ाने के लिए इस्लाम का सहारा नहीं ले रहा है...क्या इस्लाम आतंकवाद को बढ़ावा नहीं दे रहा है ये सवाल इसलिए उठ रहे है कि क्योंकि आतंकवाद और इस्लाम का चोली दामन का साथ होते दिख रहा है...ऐसा लगने लगा है जैसे आतंकवाद और इस्लाम एक दूसरे के लिए ही बने है...आखिर क्यों आतंक के आकाओं को अपना कट्टरपंथ चेहरा देखने में शर्म आति है...इस वक्त आतंक की आफत पूरे दुनिया में फैली है..आतंकवाद हम सब के लिए खतरा है...आतंकवाद के खिलाफ लड़ना हम सब कि जिम्मेदारी है...सब कहते है कि आतंकवाद और आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता...लेकिन सवाल कि जब किसी आतंकी को सजा देने की बात आति है तो उसका धर्म उसके सजा का कारण लगने लगता है...सियासी गिद्धों की फौज खड़ी हो जाति उस आतंकवादी के पक्ष में...ये सियासी गिद्ध चिल्ला-चिल्ला कर बोलने लगते है ये आतंकी नहीं ये बेगुनाह हैं..इसे माफ किया जाए ये मुसलमान है इसलिए इसे सजा दी जा रही है...देश में राजनेता ऐ भूलकर कि वो आतंकी है उसके मुसलमान मजहब को जोर शोर से उठाने लगते है चाहे अफजल गुरु हो या याकूब मेनन देश में कई ऐसे है जो मुसलमान मजहब के नाम पर इस्लामिक आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे है...आतंकवाद के आकाओं को सियासी शह दे रहे है..जाकिर आतंकियों का गुरु है आज जाकिर को सजा देने की बजाए उसे सुरक्षा देने की कोशिश में कुछ सियासी समाज के लोग लगे है क्योंकि वो मुसलमान है...नेताओं को शर्म आनी चाहिए उस राजनीति पर जो देश और दुनिया में आतंक फैलाने वालों की नीतिओं का साथ दे रहे है...आतंकवाद और आतंकियों का कोई धर्म नहीं लेकिन आतंकवादियों ने जो इस्लाम के मुंह पर काला धब्बा लगाया है उसे इस्लामिक धर्म गुरु कैसे साफ करेंगे...कैसे बताएंगे कि इस्लाम का इमान शांति प्रिय हैं ना कि जाकिर के जहरिले बोल प्रिय...  
     जाकिर समाज में धर्म के आधार पर जहर घोल रहा है और मुसलमान युवाओं में आतंकवाद की बीज बो रहा है....मुसलमानों को मजहब के नाम पर आतंकवादी बना रहा है...तो क्या ये कहना गलत होगा कि जाकिर जैसे लोग इस्लाम और आतंकवाद को एक साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे है..जाकिर बता रहा है कि इस्लाम है तो आतंकवाद है...तो कैसे मान लिया जाए कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है....आतंकवाद का धर्म होता है और उसका धर्म सिर्फ और सिर्फ इस्लाम होता है बांग्लादेश आतंकि हमले में ये बात साफ हो गया जब हिंदुस्तान की बेटी तरिषि की आतंकियों ने सिर्फ इसलिए हत्या कर दी क्योंकि वो कुरान नहीं पढ़ पाई...वो हिंदू थी वो मुसलमान नहीं थी इसलिए उसे मार दिया गया...

बांग्लादेश के एक रिपोर्ट के अनुसार आतंकी हमले में आतंकियों ने सिर्फ उन्ही लोगों की हत्या कि जो गैर-मुसलमान थे...इस्लाम के नाम पर आतंक फैलाने वाले और आतंकियों के नायक कहलाने वाले जाकिर नाइक को कांग्रेस के बड़े नेता दिग्विजय सिंह शांतिदूत कहते है...राजनीति के दिग्गज दिग्विजय सिंह को शर्म आनी चाहिए ऐसी सियासत पर जो आतंकिदूत को शांतिदूत कहते है...दिग्विजय जाकिर का ऐसे बचाव कर रहे है जैसे जाकिर किसी जमाने में दिग्विजय सिंह का बिछड़ा हुआ भाई हो...मुंबई के पूर्व कमिश्नर और बीजेपी के सांसद सत्यपाल सिंह ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि 2008 में जाकिर के संदिग्ध गतिविधियों को लेकर सत्यपाल सिंह ने  UPA सरकार को रिपोर्ट भेजा था जिसकी अनदेखी मनमोहन सरकार ने की थी...सत्यपाल सिंह ने ये भी कहा कि जाकिर को विदेशों से धार्मिक तौर भड़काने और हेट कैंपेन चलाने के लिए भारी मात्रा में फंड मिलता तो सवाल उठता है कि जाकिर पर एक बड़े अधिकारी के रिपोर्ट को मनमोहन सिंह की सरकार से खारिज क्यों किया...क्या मनमोहन सिंह को मुसलमान वोट बैंक का डर था इसलिए वो जाकिर पर कार्रवाई नहीं कर पाए...क्या UPA ने जाकिर को लेकर देश की सुरक्षा से समझौता किया..

क्या UPA ने जाकिर के धर्म को देश से उपर रखा..क्या UPA ने जाकिर से साथ सहानुभूति इसलिए दिखाया क्योंकि उनका दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह जाकिर को आतंकिदूत नहीं बल्कि शांतिदूत मानते हैं...मनमोहन के सरकार के बाद दो साल से देश में मोदी की सरकार है मोदी के मंत्री और मोदी के मुख्यमंत्री जाकिर की पूरी जांच करा रहे है...मनमोहन सिंह ने तो जाकिर के साथ सहानुभूति दिखाई लेकिन मोदी के मंत्री दोषी होने पर जाकिर को सजा दिलाने की बात कह रहे है...लेकिन सही मायने में आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं होना चाहिए आतंकियों के साथ सहानुभूति नहीं उन्हे सजा मिलनी चाहिए।



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