सियासत में समय पर समझदारी
ही सही समझौता होता है इसी समझदारी वाली समझौता के बल पर बीजेपी को हराने के लिए
लालू-नीतीश और सोनिया की स्वाभिमान रैली पटना के गांधी मैदान में आयोजित हुई इस
स्वाभिमान रैली में बिहार के स्वाभिमान की दुहाई दी गई उस बिहार की दुहाई दी जिसे
पीएम मोदी बीमारु कहते है जिसे पीएम गरीब बताते है अर्थव्यवस्था में सबसे पिछड़ा
राज्य बताते है उस बिहार के स्वाभिमान को जगाने के लिए लालू ने अपने
स्वाभिमान को मार डाला नीतीश ने अपने नीति को सोनिया के सहारे छोड़ दिया उस कांग्रेस
के सहारे बिहार को आगे बढ़ाने का सोच लिया जिस कांग्रेस ने अपने 40 साल के
कार्यकाल में बिहार को 40 कदम भी आगे नहीं बढ़ाया...
नीतीश ने बिहार में लालू के
उस सुशासन के सहारे सरकार बनाने का सोच लिया जिस सुशासन के सहारे बिहार में
जंगलराज और गुंडागर्दी का राज होता है इस बिहार का स्वाभिमान जंगलराज और गुंडागर्दी
के सहारे नहीं बल्कि जनादेश के सहारे जगेगा.इस स्वाभिमान रैली में लालू-नीतीश-सोनिया
पहली बार एक मंच पर एक साथ दिखे पहली बार बीजेपी और मोदी के तीन ध्रुव विरोधी एक दूसरे के
साथ एक दूसरे के सुर में सुर मिलाते हुए नजर आए... महागठबंधन को सजाने संवारने
वाली समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह ने लालू-नीतीश के स्वाभिमान से अपने
स्वाभिमान को दूर रखा और अपने समधी की स्वाभिमान रैली में अपने भाई शिवपाल को भेज
कर मुलायम ने बता दिया कि लालू के स्वाभिमान से मुलायम का स्वाभिमान बड़ा हैं
स्वाभिमान रैली में सबसे
पहले बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने बोलना शुरु किया तो राबड़ी के
निशाने पर पीएम मोदी और कभी लालू के करीबी, RJD से
सांसद रहे पप्पू यादव को राबड़ी ने मारकर भगाने की बात कही तो पीएम मोदी को झूठा
बता दिया बिहार की पूर्व सीएम राबड़ी ने नीतीश को बिहार का सबसे बेहतर सीएम बता
दिया अगर नीतीश की नीति अच्छी है और नीतीश के राज में बिहार में रामराज आया तो
क्या लालू और खुद की सरकार को राबड़ी अच्छा नहीं मानती है क्या 15 साल की लालू-
राबड़ी की सरकार नीतिहिन और जंगलराज का था और अगर लालू-राबड़ी की सरकार अच्छी थी
बेहतर थी, और सुशासन वाली थी तो नीतीश कुमार बिहार के सबसे बेहतर सीएम और नीतीश की
सरकार सुशासन वाली कैसी हुई राबड़ी के लिए बेहतर सीएम कौन लालू या नीतीश?
बिहार के सीएम नीतीश कुमार
ने रैली को संबोधित करना शुरु किया तो नीतीश के निशाने पर पुराने दोस्त और नए
दुश्मन पीएम मोदी थे नीतीश ने बिहार में बढ़ते अपराध वाले पीएम के बयान पर पलटवार
करते हुए नीतीश ने बीजेपी शासित राज्यों में बढ़ते अपराध के बहाने बीजेपी और पीएम
मोदी पर प्रहार किया नीतीश ने अपने पुराने दोस्त को बिहार का इतिहास बताया, बुद्ध
को ग्यान देने वाला राज्य बताया, लेकिन नीतीश ने बिहार के सबसे बड़े आंदोलन और देश
की राजनीति को बदल देने वाले जेपी आंदोलन का चंदन कुमार ने जिक्र तक नहीं किया...नीतीश
को जेपी आंदोलन भूला दिया जैसे कोई बुरे सपने को भूल जाता है लेकिन नीतीश जेपी
आंदोलन का जिक्र करते भी कैसे बगल में धर्मनिरपेक्षता की देवी सोनिया गांधी बैठी थी जिनकी सास ने जेपी को
जेल भेज दिया था आंदोलन का जिक्र करते तो नीतीश को कांग्रेस के नीयत पर शक होता जो
सोनिया को पसंद नहीं आता..सोनिया के सामने जेपी का जिक्र मोदी विरोधी महागठबंधन के
लिए ठीक नहीं होता जो कांग्रसियों को रास नहीं आता..
मंच से नीतीश ने विरोधियों
के सहारे लालू के नेतृत्व पर सवाल खड़ा किया कि विरोधी कहते है कि लालू का राज
जंगलराज था मंच पर बैठे लालू मुस्कराते हुए नीतीश की नियत को समझ रहे थे जंगलराज
किसका है मेरा या नीतीश का...
नीतीश ने लैंड बिल पर पीएम मोदी पर निशाना साधा उस
बिल को लेकर पीएम मोदी नीतीश के निशाने पर थे नीतीश ने कांग्रेस के भूमि बिल को
किसानों का बिल बताया तो मोदी के बिल को किसान विरोधी बताया अपने पुराने दोस्त के
भूमि बिल से नीतीश नाराज है जो बिल किसानों के जमीन को छीन लेना आसान कर देती है
इस बात को बोलते हुए नीतीश मुस्करा रहे थे पीएम के झुकने की बात कर रहे थे आज दिन
को नीतीश खुशी का दिन बता रहे हैं क्योंकि पीएम आज नीतीश की नजरों में झुक गए है..
.देश
की सियासत में अपनी राजनीति को चमकाने के लिए नीतीश किसानों के लिए आज भूखे बैठने
की बात कर रहे है जिस राज्य में नीतीश के नाकोतले किसान मरने को मजबूर है पांच
लीटर किरोसिन और एक डब्बा डीजल के लिए किसान भटक रहे हैं लेकिन आज नीतीश किसानों के
लिए भूखा बैठने की बात कर रहे हैं..लालू सुशासन की बात कर रहै है...ये ही बिहार का स्वाभिमान है ? जिस स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे लालू-नीतीश पीएम को ललकार रहे हैं बार-बार DNA की दुहाई दे रहे है उस स्वाभिमान का DNA सैंपल भेजने वाले लिफाफे रोड पर लोगों के पैरों तले कुचलते नजर आए...ये बिहार का नहीं बल्कि लालू, नीतीश, सोनिया का स्वाभिमान था जिसे लोगों ने पैरों तले कुचल दिया।
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