Wednesday 10 April 2013

 

मर जायेंगे पर पाकिस्तान वापस नहीं जायेंगे

नई दिल्ली। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों से तंग आकर बहुत सारे हिन्दू अपना घर और देश छोड़ भारत में शरणार्थियों का जीवन बिताने को मजबूर हैं। इनके टूरिस्ट वीजा एक्सपायर हो चुकें हैं, पर ये सब वापसी के नाम सुनते ही डर जातें हैं। भारत आये इन हिन्दू शरणार्थियों ने कहा कि मर जायेंगें लेकिन पाकिस्तान वापस नहीं जायेंगे।

पाकिस्तान में हिन्दओं के साथ किये जा रहे बर्बरता पूर्वक व्यवहार से तंग आकर वहां के हिन्दू अपना सब कुछ छोड़ने को मजबूर हैं। पाकिस्तान से आये शरणार्थियों का कहना है कि वहां हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं। पाकिस्तान में हिन्दू महिलाओं और लड़कियों को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है, और तो और हिन्दू लड़कियों का धर्मं बदल कर उनकी शादी मुस्लिम लड़के से जबरन कराई जाती है। ये हिन्दू अपने धर्म और जीवन की रक्षा के लिए भारत में रहने को मजबूर हैं। पाकिस्तान में 1951 की जनगणना में 22 फीसदी हिन्दू आबादी थी, जो आज घटकर दो फीसदी से भी नीचे चली गई है। वहां के अधिकतर हिंदू परिवार सिंध क्षेत्र में रहते आए हैं। पाकिस्तान में लगातार घट रही हिन्दुओं की संख्या, और भारत में बढती पाकिस्तानी शरणार्थियों की आबादी वहां के अल्पसंख्यकों के हालत दर्शाने के लिए काफी है। 

पाकिस्तान से आये इन हिन्दू शरणार्थियों की वीजा डेडलाईन ख़त्म होने के बाद विदेश मंत्रालय ने इनकी वीजा अवधि को एक महीने का विस्तार तो दिया है पर इससे इनकी समस्याओं का कोई हल निकलता नजर नही आ रहा। पाकिस्तान से आये हिन्दुओं  ने बताया कि उनके लिए पकिस्तान लौटना मौत की सजा की तरह है। उनका कहना है कि वह पाकिस्तान जाने के बजाय भारत में मर जाना पसंद करेंगी।


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