पेरिस में पत्रिका के ऑफिस पर आतंकी हमला |
आतंकियों द्वारा ए पत्रिका पर हमला नहीं बल्कि लोकतंत्र पर हमला है ,लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला है प्रेस की आजादी पर हमला है..जनता की अवाज को ज़िदा रखनी वाली मशीनरी पर हमला है समाज के आइने पर पर हमला है ..ए कोई पहली बार नहीं शर्ली एब्दो पत्रिका ऑफिस पर हमला हुआ हो इससे पहले 2011 में भी पत्रिका के ऑफिस पर आतंकियों ने हमले किए जिसमें चार पत्रकारों की जान चली गई थी...ए पत्रकार अपने चाहने वालों से रूकसत हो लिए......इस हमले की निंदा विश्व के सभी देशों ने की ...संयुक्त राष्ट्र संघ के मुखिया बान कि-मून ने कहा कि पत्रिका पर आतंकी हमला निंदनीय है तो वही फ्रांस राष्ट्र के राष्ट्रपति ने देशवासियों को भरोसा दिलाया कि इस दर्द भरे माहौल में सरकार देश की जनता की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से तैयार है...इस दुख भरे समय में भारत के प्रधानमंत्री ने भी फ्रांस का दूख-दर्द को बांटते हुए कहा कि हम फ्रांस के साथ है और इस आतंकी हमले की पूरी तरह से निंदा करते है...
मीडियों ख़बरों की माने तो पत्रिका के ऑफिस पर हमला करने वाले फ्रांस के ही रहने वाले दो सगे भाई है....जिन्होने फ्रांस की राजधनी पेरिस में पत्रकारों के साथ खूनी खेल खेला....काले रंग की कार में काले करतूत को अंजाम देने आए आतंकियों ने पत्रिका ऑफिस में घुसे कार्टूनिस्ट का नाम पूछते ही अंधाधुंध फ़ायरिंग करने लगे, दहशतगर्दों के 50 राउंड की फायरिंग से पेरिस के लोग पूरी तरह से भयभीत और दहशत में आ गए..गोलियों की आवाज कानों में गुंजते ही लोगों की सांसे थम गई..गोलियों की गड़गड़ाहत सुनने से पता चलता है इन दहशतगर्दो की नियत सिर्फ़ पत्रकारों पर हमले की नहीं बल्कि बड़े हमले के फिराक में थे....
जेहादी नारे लगाते हुए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के जवानों पर गोेलियों की बैछार करने लगे जिसमें 10 पत्रकारों की मौत हो गई....ये फायरिंग पत्रकारों पर नहीं फ्रांस की ओलांदे सरकार पर है..उन सभी राष्ट्रो पर जो अतंक के ख़िलाफ़ अदा-कदा हुंकार भरते है...उन सुरक्षा एजेंसियों पर जो दहशतगर्दो पर नकेल कसने की कोशिश कर रहे है....उस संयुक्त राष्ट्र संघ पर जिसे विश्व में शांति कायम रखने की जिम्मेदारी है..लेकिन सुरक्षा ऐजेंसिया और सरकार की चुस्ती का अंज़ाम की पत्रिका ऑफिस पर होने वाले कई आतंकी हमलों की तैयारी को नाकाम कर चुकी थी लेकिन इस बार दहशतगर्दो ने अपने कोशिश को पूरा करने में सफल रहे....
पत्रिका ने पैंगंबर का कार्टून छापा जो आतंकियों को को रास नहीं, दहशतगर्द इस कदर नाराज हुए..अल्ला के नाम पर खूनी खेल पर उतारु हो गए और कार्टूनिस्टों का क़त्लेआम कर दिया...
पैंगंबर का अपमान करने वाले कार्टून बताते हुए आतंकियों ने पत्रिका पर हमला किया जिसमें कई पत्रकारो की सांसे छीन ली...इस हमले के बाद फ्रांस के लोगों में भय का माहौल बना हुआ है लेकिन पेरिस में हुए आतंकी हमले से फ्रांस की फीजा तो गमगीन हुई हैं लेकिन प्रांसवासियों ने आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब देते हुए इस आतंकी हमले में मरे लोगों को श्रद्धांजलि देने सड़को पर उतर गए...
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