Saturday 25 July 2015

पटना में पीएम

2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से चुनाव जीतने के बाद जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनें तो उस चुनाव में बिहार का अहम योगदान रहा बिहार के 40 लोकसभा सीटों में बीजेपी सहित एनडीए गठबंधन को 31 सीटें मिली तो बिहार में सभी विरोधियों का मुंह बंद हो गया उन सभी नेताओं के मुंह पर राजनीतिक तमाचा था जिन लोगों ने धर्मनिरपेक्षता के नाम राजनीतिक धर्म को को भूला दिया अपने दोस्त को दुश्मन बना लिया...धर्मनिरपेक्ष पार्टियां जेडीयू को 2 तो लालू को 4 सीटें मिली तो मोदी विरोधी एकजुट हो गए...प्रधानमंत्री बनने के 15 महीने बाद आज पहली बार नरेंद्र मोदी बिहार के दौरे पर थे जहां पीएम ने 5 योजनाओं की शुरुआत कि ... 

दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, पटना-मुंबई रेल लाइन, दानियावां-बिहारशरीफ रेल राइन, गैस परियोजना, और IIT पटना कैंपस का शुभारंभ पीएम नरेंद्र मोदी ने किया... 2009 के बाद पहली बार दो पुराने दोस्त और अब राजनीतिक दुश्मन मोदी और नीतीश किसी राजनीतिक मंच पर एक साथ दिखे... 2009 के आम चुनाव में पंजाब में आखिरी बार तब गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार एक साथ एक मंच पर एक दूसरे के होथों में हाथ डाले दोनों एक दूसरे के नेतृत्व को निहार रहे थे दोनों अपने सुशासन का गुणगान कर रहे थे तब मोदी नीतीश के मित्र थे एक अच्छे दोस्त थे उन दिनों नीतीश को गुजरात का मॉडल पसंद था आज मोदी नापंद है तब मोदी विकास पुरुष थे आज समाज को बांटने वाले नेता हैं...तब नीतीश को ना तो मोदी की मित्रता से गुरेज था और नाही आडवाणी की सांप्रादिक पार्टी की आगुवाई से परहेज था...अब मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं और नीतीश बिहार के मुख्यमंत्री है आज मोदी और नीतीश एक साथ एक मंच पर थे पर दोनों के हाथ एक दूसरे के हाथों में नहीं था आज दोनों हस हस के बातें नहीं कर रहें    थे दोनों के हाथ तो उठे पर मिलाने के लिए नहीं बल्कि दिखाने के लिए की हम एक दूसरे का सम्मान करते है अपमान नहीं...
नैना मिलाई ले

पीएम नरेंद्र मोदी-नीतीश कुमार पटना कार्यक्रम में 

पीएम जब वेटनरी कॉलेज में कार्यक्रम के लिए पहुंचे तो वहां बिहार के सीएम नीतीश कुमार भी मौज़ूद थे  कई केंद्रीय मंत्री भी मौज़ूद थे पीएम मोदी और नीतीश एक दूसरे से बातें तो कर रहें थे पर नीतीश पीएम से अपनी नजरे चुरा भी रहे थे मोदी के बिहार पहुंचने से पहले एएनाई को दिए इंटरव्यू सीएम नीतीश कुमार के कहा था कि मैं देश के पीएम का स्वागत करुंगा ना की बीजेपी के नेता का आदर करुंगा नीतीश बोल रहे थे पीएम अपना सर हिलाते हुए नीतीश की बातें सुन रहे थे नीतीश के विकास की बातें मोदी अपने मन में खाली घड़े में पानी भरने के समान भर रहे थे दोनों की बातें बगल में बैठे रामविलास पासवान भी सुन रहे थे और समझ भी रहे थे दो पुराने दोस्तो की बातें...मोदी और नीतीश कई सालों के बाद मिले थे और ऐसे बाते कर रहे थे जैसे कोई बिछड़ा दोस्त वर्षों बाद मिला हो..

पीएम मोदी-सीएम नीतीश कुमार-केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान

पासवान भी तो कभी नीतीश के साथ मंत्री थे आज पासवान मोदी के मंत्री है लेकिन नीतीश अब मोदी और पासवान से काफी दूर है पीएम की नजरे तो नीतीश को निहार रही थी पर नीतीश अपनी नजरे मोदी से चुरा रहे थे...नीतीश और मोदी राजनीतिक विरोधी है तो तंच तो कसना था लिहाजा नीतीश ने पीएम को तंज कसते हुए इस बात का एहसास दिलाया कि अटल सरकार की दनियावां-बिहार शरीफ रेल योजना शुरु करवा दे जो पता नहीं कब शुरु होनी थी नीतीश के इस दर्द से मोदी के मन को पीड़ा हुई तो नीतीश के इस व्यथा के साथ पीएम ने भी अपना शुरु मिलाया लेकिन नीतीश राजनीति विरोधी है तो तंज का जवाब तो देना था तो मोदी ने भी मंझे हुए राजनीति खिलाड़ी की तरह नीतीश को जवाब दिया हमने तो इस रेल लाइन की शुरुआत कर दी हमने तो बिहार की जनता का विकास किया कुछ लोगों ने तो सिर्फ राजनीति किया ...

इतना ही नहीं पीएम ने इशारों इशारों में लालू यादव पर निशाना साधा कि सरकार बदलने के बाद बिहार से ऐसे रेल मंत्री आए जिन्होने दनियावां-बिहारशरीफ रेल परियोजना का काम रोक दिया राजनीतिक द्वेश से बिहार की जनता का नुकसान हुआ राजनीति करने वाले तो राजनीति करें लेकिन बिहार की जनता का विकास ना रोके...बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने परियोजनाएं शुरु करने को लेकर पीएम मोदी का तहेदिल से धन्यवाद किया नीतीश से उस दिल से उस मोदी को धन्यवाद किया जिस दिल की बात सुनकर नीतीश ने मोदी के नाम पर 17 साल पुराना बीजेपी से गठबंधन तोड़ दिया 14 करोड़ बिहरियों के इस उम्मीद को तोड़ दिया जिस उम्मीद के साथ बिहार की जनता ने बीजेपी के साथ के साथ नीतीश को वोट दिया था वो बिहार का विकास करेंगे लेकिन नीतीश ने लालू के साथ हाथ मिलाकर उन वोटों पर चोट किया जो बिहार की जनता ने नीतीश को दिया था.


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