Sunday 21 June 2015

21वीं सदी के ‘योगपथ’ पर भारत

कोई आशिक भी अपनी माशुका से खुद के इश्क का इजहार करने को इसकदर बेताब नहीं होता है  जिस तरह भारत सहित विश्व के 177 देश 16 जून 2015 को योग दिवस मनाने के लिए बेताब दिखे पलके बिछाये इस दिन का इंतजार करते रहे...बड़े लंबे और सुखद इंतजार के बाद आज वो तारीख आ गई जिस दिन का पूरी दुनिया को इंतजार था...भारत को इंतजार था देश के प्रधान सेवक नरेंद्र मोदी को इंतजार था देश की राजधानी दिल्ली के राजपथ को इंतजार था जहां प्रधान सेवक के योग करने का प्रोग्राम तय था वो दिन तय था वो समय तय था वो पल तय था जब देश के लोगों को योग करना सिखाये देश के प्रधानमंत्री... आज वो सभी इंतजारे खत्म हो गई जब देश के प्रधानमंत्री ने दिल्ली के दिल की बीचों बीचों राजपथ पर लोगों के साथ योग किया 21वीं सदी में भारत विश्व का योग गुरु बना...मंगल यात्रा, आर्थिक मजबूति वाले आधुनिक 21वीं सदी के 15वें साल के 6 महीने के 21 जून को हिंदूस्तान ने पूरी दूनिया को योग का राज बताया..भारत ने बताया कैसे आज की भागती- दौड़ती जिंदगी, वैश्विक बदलाव,  मिशाइलों के सफल प्रक्षेपण करने वाले युग में भी योग का महत्व है इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आज हम कितने भी आधुनिक होने का दावा कर ले लेकिन योग से दूर नहीं हो सकते..21 सदी के बदलती दुनिया को भारत ने बताया क्या है योग का धर्म भारत ने बताया योग का फर्ज..इंडिया ने बताया कि योग जिंदगी जीने की कला है योग हमारी परंपराओं की पूंजी है योग महज एक व्यायाम नहीं बल्कि योग हमारे शरीर को आत्मा से बांधता है जैसे हम किसी रेश्ते में बंध जाते है हम उस रिश्ते में खो जाते है जो रिश्ता हमें जीने की कला को सिखाता है जिस रिश्तों को हम जीना चाहता है उससे हमारा अलग लगावा होता है उसी तरह जिंदगी से योग का अलग लगाव है.. जिसे जीने की कला कहते है UNO द्वारा कई दिवस मनाए जाते है आज उन दिवसों की सूची में योग दिवस ने भी जगह बना ली भारत की नजरिये से देखे तो योग दिवस पर भारत की छाप है क्योंकि योग दिवस मनाने की मंशा UNO में भारत ने रखी 2014 में जब देश में बीजेपी की सरकार बनी और पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी की अमेरिका दौरे के दौरान 27 सितंबर 2014 को  पीएम नरेंद्र मोदी ने UNO को संबोधित करते हुए कहा कि योग हमारी पुरात्तव परांपरिक अमुल्य देन है योग को लेकर पीएम ने कहा कि योग मन, शरीर ,विचार कर्म, संयम. उपल्ब्धि और मानव और पाकृति के बीच सामंजस्य का रुप है...प्रधानमंत्री मानते है कि योग स्वास्थ्य और कल्याण का समग्र दृष्टिकोण है UNO के संबोधन में प्रधानमंत्री योग को केवल का शारीरिक व्यायाम नही मानते है बल्कि प्रधानमंत्री मानते है कि योग पाकृति को प्राप्त करने का माध्यम है देश के प्रधानमंत्री मानते है कि योग हमारे जीवन शैली में बदलाव लाकर हमारे अंदर जागरुकता उत्पन्न करके जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सहायक हो सकता है प्रधानमंत्री के योग दिवस मानने के प्रस्ताव को UNO ने माना और फैसला किया गया कि 16 जून को पूरी दुनिया योग दिवस मनाएगी वो दिवस जिस दिन हम अपने आप को पहले से और ज्यादा ऊर्जावान, फुर्तिला और चुस्त महसूस करेंगे... शायद हमारी जिंदगी पहले से और ज्यादा जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सहायक होगी.. 16 जून इसलिए चुना क्योंकि यह दिन साल का सबसे बड़ा दिन होता है..

योग तो केवल एक व्यायाम या पाकृति को समझने का जरिए है लेकिन देश में विवाद भी शुरु हुआ इस योग पर... इस जीवन जीने की कला पर खुब राजनीति का रंग चढ़ा..जलवायु परिवर्तन से लड़ने वाली योग पर सियासत तो होना ही था क्योकि इसको किसी धर्म से जोड़ा गया तो किसी समुदाय का विरोधी बताया गया राजानीति तो योग को लेकर खुब हुई इस हद तक सियासत हुई व्यायाम से पहले बयानबाजी शुरू हो गई...नेताओं ने कहा नहीं करना योग तो देश छोड़ दो तो किसी ने कहा मुसलमान विरोधी है योग इस्लाम का विरोधी है योग.. दिल्ली से लेकर देश के कई मंत्रियों ने व्यायाम पर बयान दिया किसी ने योग को नमाज़ से जोड़ा तो किसी ने योग ना करने वालों से बू आने की बात कह दी...तो सवाल  सिर्फ योग को लेकर नहीं कि योग किस धर्म का है या योग किस धर्म का नहीं है या योग किस धर्म का विरोधी या किस धर्म का समर्थक सवाल इस बात को लेकर कि व्यायाम पर बयानबाज़ी क्यो व्यायाम तो केवल एक जीवन जीने की कला है जो हर किसी को जीने का तरीका सिखाता है तो इस कला वाले व्यायाम पर इतना बवाल क्यों.. 16 जून 2015 को पूरे भारत में योग दिवस मनाया गया जनता से खचाखच भरी राजपथ योग दिवस का गवाह  बनने के लिए सज कर तैयार था...लोगों का उत्साह योग को लेकर खुब दिखा इस कदर उत्साह कि जनपथ पर जनता की भीड़ सुबह से ही दिखने लगी थी..क्या बुढ़े क्या बच्चे क्या युवा सब योग के रंग में रंग जाने को बेसब्र थे इन तस्वीरों में राजपथ पर जनता की भीड़ अपने आप में योग के प्रति उत्साह को बयान कर रही थी.. देश की राजधानी दिल्ली में पीएम मोदी और सीएम केजरीवाल ने योग किया को हालिया विवादों में फंसी राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने अपने मंत्रिमंडल के साथ जयपुर में योगासन किया बिहार में बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने योग तो किया लेकिन उतना नही कर पाए जितना सोच कर किया अमित शाह पटना आए थे शायद शाह के शरीर पर नीतीश का निशाना सही था जिसमे नीतीश ने कहा था शाह योग करते तो ऐसा शरीर नहीं होता...

शाह ने उतना व्यायाम नहीं किया जितना पीएम मोदी ने राजपथ पर किया बिहार  में आगामी विधानसभा चुनाव है ऐसे में राजनीतिक योग को साधने कि लिए कई केंद्रीय मंत्रियों ने अलग अलग जगहों पर योग किया लेकिन मोदी के योग का विरोध कर रहे राजनीतिक पार्टियों में इस  योग से दूरी बनाई रखी बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भाजपा पर हमला किया तो वही लालू ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि बीजेपी असली मुद्दो से भटकाने के लिए योग का ढोंग कर ही है जनता बीजेपी का असली चेहरा देख रही हैं शाह को शारीरिक नसीहत देने वाले नीतीश के नए दोस्त लालू की शरीर भी शाह जैसा शायद तभी लालू भी व्यायाम नहीं कर पाए और व्यायाम पर बयानबाजी शुरु कर दी...

योद दिवस के मौके पर देश के दूसरे राज्यो के मुख्यमंत्रियों ने भी योग किया झारखंड के सीएम रघुवर दास, महाराष्ट्र के सीएम फड़नवीस, हरियाणा के सीएम खट्टर ने भी प्रधानमंत्री के इस योग दिवस पर योग पूरे देश  ने योग  करके योग दिवस मनाया तो वही कांग्रेस ने ललित मोदी-सुषमा-वसुंधरा प्रकरण को लेकर ललितासन करके इसका विरोध किया जहां कांग्रेस ने योग का विरोध किया वही कांग्रेस शासित राज्य उत्तराखंड के सीएम हरिश रावत ने योग किया...
प्रधानसेवक के योग पहल को पूरी दुनिया ने सराहा ठीक उसी तरह जैसे आज से 8 महीने पहले शुरु हुए स्वच्छता अभियान को सराहा गया लेकिन  स्वच्छता अभियान आज सवालों में है स्वच्छता अभियान झाडू उठाकर सेल्फी लेना एक जरिया बनाकर रह गया इस अभियान की हकीकत और दावे एक दुसरे के विपरित है सफाई अभियान की सच्चाई कुछ और है ऐसे में योग को लेकर सवाल उठने लाजमी है कही योग भी स्वच्छता अभियान की तरह दिखावा बनकर ना रह जाए भारत ने दो विश्व रिकॉर्ड बना 'गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स' में अपना नाम दर्ज करा लिया है.



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