Saturday 14 November 2015

पेरिस आतंकी हमले में 160 की मौत


फ्रांस की राजधानी पेरिस में अबतक का सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ है पेरिस के 6 जगहों पर एक साथ आतंकी हमला हुआ...देखते-देखते पूरा फ्रांस दहल गया और पेरिस में दहशत फैल गया दुनिया के लिए तो 14 नवंबर का सबेरा रौशनी लाया लेकिन यूरोप के इस देश फ्रांस में अंधेरा छा गया...आतंक के परछाई से पेरिस में 14 नवंबर का दिन काला दिन साबित हुआ...दुनिया के लिए फ्राइडे पेरिस के लिए ब्लैक फ्राइडे बन गया...इस क्रूर आतंकी हमले में 160 लोगों की मौत हो गई है..160 परिवारों में मातम में छा गया है कई बच्चे आनाथ हो गए है कई औरते बेरंग हो गई है... लोग सड़को पर तड़पते नजर आए...सैकड़ो लोग अस्पताल में भर्ती हो गए चमचमाते इस शहर में अचानक अंधेरा छा गया है पेरिस की गलिया खून से लाल हो गई है और फ्रांस की फिजा गमगीन हो गई पूरी दुनिया में बेचैनी छा गई कि फ्रांस में आतंकी हमला हुआ है...

इस बर्बर आतंकी हमले की जिम्मेदारी भी उस ISIS ने ली है जिसने पूरी दुनिया में आतंक फैला रखा है आय दिन ISIS का क्रूर चेहरा हम देखते है आतंक की फैक्ट्री  ISIS ने इस बार फ्रांस की फिजा को गमगीन कर दिया है... हमलावर  हमला करते वक्त सीरिया का बदला लेने की बात कर कर रहे है..सीरिया में पिछले कुछ महीनों से ISIS ने कत्लेआम मचा रखा है।

पेरिस की पुलिस ने आतंकियों को उनकी औकात दिखाते हुए सेना ने 8 हमलावरों को मार गिराया पुलिस ने अपना काम बखूबी किया और आतंकियों को मार उनके आकाओं को बता कि आतंकवाद को फ्रांस और दुनिया कभी बर्दास्त नहीं करेगी..जो दहशतदगर्दी को बढ़ावा देता उसे दुनिया मार देगी.. ISIS ने इस हमले को अपने सर नाम किया है अब तक ISIS को किसी का सर कलम करते उसका क्रूर चेहरा हमने देखा था लेकिन आज किसी ने उसका सर कलम किया है...पिछले कई महीने में हमने और आपने ISIS के कई वीडियों को देखा होगा जिसमें किसी ना किसी का ISIS ने सिर कलम किया है या किसी को जिंदा जला दिया है।




पेरिस हमला फ्रांस में इस साल का तीसरा आतंकी हमला है साल के शुरुआत में जनवरी महीने में शर्ली एब्दो मैगजीन ने मुहम्मद का कार्टून छापा था जो अल्ला के नाम पर आतंकवाद को जिंदा रखने वालों को रास नहीं आया और मैगजीन ऑफिस पर हमला कर दिया जिसमें 12 लोगों की मौत हो गई इसमें एक पत्रकार भी मारा गया था दूसरा आतंकी हमला जून 2015 में हुआ सेंट क्वेंटिन फैलेवर में गैस फैक्ट्री पर हमला इस हमले  आतंकी ने एक शख्स का सिर कलम किया था और आज तीसरा हमला जिसमें 160 लोगों की जान चली गई...पेरिस में हुए इस आतंकी हमले की निंदा पूरी दुनिया ने की है, अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की निंदा की है पीएम मोदी विदेश दौरे पर है आज ही (14 नवंबर) को G-20 सम्मेलन में शामिल होंगे...लेकिन इस हमले के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति फांनकोइस होलांदो ने सम्मेलन का कार्यक्रम को रद्द कर दिया।

Sunday 8 November 2015

बीजेपी की शर्म 'नाक' हार


बिहार विधानसभा के 243 सीटों पर हुए चुनाव का परिणाम आ गया परिणाम में बीजेपी की हार हुई है बिहार में बीजेपी मुंह के बल गिर गई है और ऐसी गिरी की चाह कर भी बीजेपी अपने आप को बिहार में नहीं खड़ा कर पाएगी...और नहीं सही मुंह से बिहार की जनता से बात कर पाएगी की उसे बिहार की जनता ने क्यों नकार दिया.. क्यों प्रधान सेवक को बिहार की जनता सेवा का मौका नहीं दिया...क्यों बिहार की जनता ने बीजेपी को बिहार ने बाहर कर दिया... क्यों बिहार की जनता को भगवा पार्टी पर भरोसा नहीं हुआ...बिहार में बीजेपी तीसरे नंबर की पार्टी बन गई है दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी बिहार में थर्ड क्लास की पार्टी बन गई है ज्य़ादा सदस्यों वाली पार्टी बीजेपी को जंगलराज का तमका लिए आरजेडी ने बिहार के चुनाव में हरा दिया...लोकतंत्र के पर्व में बीजेपी हार गई है और महागठबंधन का महाविजय हुआ... 243 सीटों वाली विधानसभा में महागठबंधन के 178 महारथियों ने महाविजय हासिल किया...और बीजेपी की करारी हार हुई है..2015 में बीजेपी की दूसरी हार है इससे पहले साल के शुरुआत में दिल्ली चुनाव में बीजेपी को आम आदमी पार्टी ने बूरी तरह हराया 70 में बीजेपी केवल 3 सीट ही जीत पाई...और साल के आखिर में बिहार में महागठबंधन ने बीजेपी को हरा दिया... 160 सीटों पर लड़ने वाली पार्टी 60 सीट भी नहीं जीत पाई...बीजेपी के सहयोगी दल रामविलास, रालोसपा, हम तो इतने भी सहयोग नहीं कर पाए की बिहार में बीजेपी सैंचुरी भी लगा सके...लेकिन नीतीश ने हैट्रिक लगाते हुए बीजेपी को टूर्नामेंट से ही बाहर कर दिया...



सवाल उठता है बिहार में बीजेपी की बूरी हार किसकी वजह..इस हार की क्या वजहें है ये तो एसी कमरे में बैठकर बीजेपी के मठाधीस मंथन करेंगे ...बोलेंगे जनता के फैसले का सम्मान करते हैं, सोचेंगे अगला चुनाव कैसे जीते और कुछ दिन बाद दिल्ली की तरह बिहार चुनाव को भूल कर बीजेपी के नेता बयानबाजी शुरु कर देंगे...लेकिन बिहार में बीजेपी की हार पार्टी और पीएम के लिए चिंता का विषय है और इस हार पर पार्टी में हाहाकार भी होगा और पार्टी में हार का पोस्टमार्टम भी होगा...आखिर बिहार में बीजेपी क्यों नहीं नीतीश, लालू, और कांग्रेस को हरा पाई...क्यों बीजेपी कांग्रेस, लालू और नीतीश के चुनाव रणनीति को नहीं भेद पाई, क्या बीजेपी के चाणक्य अमित शाह नीतीश और लालू के राजनीति के रणनीति को नहीं समझ पाएं..बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी का चेहरा पीएम मोदी थे महागठबंधन का मुखौता नीतीश कुमार थे... बिहार में बीजेपी ने पूरा चुनाव पीएम मोदी के विकास के नाम पर लड़ा तो महागठबंधन में शामिल लालू ने नीतीश को जनता की नजरों में सुशासन बाबू की तरह उतारा और पीएम मोदी को ललकारा...बिहार का चुनाव मुद्दाहीन था वहां न विकास की बात होती थी नहीं चुनावी रैलियों में सुशासन की चर्चा...वहां तो सिर्फ व्यक्तिगत चुनावी मुद्दा था कौन नरभक्षी था तो बह्मपीसाच था, चाराचोर था...चुनावी रैलीयों में विकास की बातें कम आरक्षण देनें और आरक्षण के लिए जी-जान देने की बातें होती थी...आगड़े-पीछड़े की बात होती थी कौन यादव है कौन पीछड़े इसके दावे होते थे...


लालू जानते थे कि वो अगड़े-पीछड़े की राजनीति करके ही अपने सियासी लालटेन को चमका सकते है और वो ही लालू ने किया...बिहार में लालू MY समीकरण के साथ अपने राजनीति को बढ़ाते रहे है लालू जानते थे अगर वो अगड़े-पीछड़े की राजनीति नहीं करेगें तो उनकी राजनीति की लालटेन बुझ जाएगी और नीतीश लालू के साथ नहीं  मिलगे तो नीतीश का सियासी तीर खाली ही रह जाएगा...तो लालू और नीतीश एक साथ हो लिए... लालू के लालटेन में रौशनी आ गई, लालू ने लालटेन से अपने राजनीतिक जीवन को उजाला कर दिया और नीतीश ने पुराने दोस्त और अब दुशमन बीजेपी को अपने तीर ने निशाना लगाकर बिहार में बीजेपी को चारों खाने चित कर दिया...



बिहार का चुनाव बीजेपी और महागठबंधन के लिए सरकार बनाने से ज्यादा साख का सवाल था इस चुनाव में सीएम नीतीश और पीएम मोदी की प्रतिष्ठा दांव पर थी... परिणाम में पीएम की प्रतिष्ठा पानी-पानी हो गया और बिहार की जनता ने पीएम की प्रतिष्ठा से ज्यादा सीएम का सम्मान किया... बिहार विधानसभा चुनाव में डीएनए, आरक्षण, बीफ जैसे मुद्दे मुख्य चुनावी मुद्दे रहे और इसी मुद्दे को महागठबंधन ने भुनाया...आरक्षण की समीक्षा हो भागवत के इस बयान के बाद पिछड़ों में भय हुआ कि बीजेपी आई तो आरक्षण छीन लेगी... लालू ने इस मुद्दे को खुब भुनाया और इस कदर भुनाया कि पिछड़ा वर्ग लालू के जाल में फंस गया...आरक्षण छीन जाने का पिछड़ों में बने इस भय को बीजेपी नहीं निकाल सकी लेकिन बिहार की जनता ने बीजेपी को बिहार की राजनीति से निकाल दिया..बिहार में हुई बीजेपी की हार का प्रभाव आने वाले राज्यों पर पड़ेगा 2016 में बंगाल सहित पांच राज्यों में चुनाव है इसलिए बीजेपी को सोचना होगा और एसी कमरों से लेकर जनता के बीच जाकर जनादेश पाना होगा और बिहार में हुई शर्मनाक हार पर सोचना भी होगा।