Wednesday 1 May 2013

चीन की चोरी,सीनाजोरी फ्री में दादागिरी 

भारतीय सीमा में घुसपैठ

 

 

चीनी सेना 
 चीन सीमा विवाद को लेकर एक बार फिर माहौल गरम हो चूका है ताज़ा मामला है चिन के  2 0 -2 2 सैनिक तिब्बत के पास दोनों देशो के विवादित सीमा के अलावा भारतीय सीमा में 10 किलो मिटर पहुच चुके है और अपने तम्बू लगाकर अपने इरादे ज़ाहिर कर चुके हैं की वे अपनी ज़मीन पर है न की भारत के सरहद के अंदर और वे वापस जाने को तैयार नहीं खास बात है की भारतीय सैनिक भी उनके सामने डट कर अपना अड्डा जामा चुके हैं ऐसे में दोनों देशो के बिच का माहौल काफी तनाव पूर्ण हैं भारत और चीन के बिच एक लम्बी सीमा हैं जो नेपाल भूटान द्वारा तिन अनुभागो में फैला हुआ है भारत में इस मुद्दे पर  राजनीती शुरू होते देख  भारत के विदेश सचिव रंजन मथाई  ने चीन के राजदूत को दिल्ली में तलब किया लेकिन  चीन का रुख जस के तस है औरउसके सैनिक वापस जाने को तैयार नहीं हैं 

चीन समय समय पर भारत के अभिन्न अंग अरुणाचल प्रदेश को अपना बताने की हिमाकत करता रहा रहा हैं  चीन की माने तो वह लाइन एक्चुअल कण्ट्रोल में है ज़मीनी स्तर  (ग्राउंड जीरो ) की बात करे तो ये कोई पहला ऐसा मामला नहीं है जब चीनी सैनिक   भारतीय सीमा  में अपनी मौजूदकी  दर्ज कराते  रहे  है साल 1984 की बात करे तो उस समय भी बीजिंग का रुख इस विवादित सीमा को लेकर काफी सख्त रहा और चीनी राजनेताओं के रुख में काफी तल्खी देखनो को मिली चीनी सैनिक भारत के उन राज्यों में भी गस्त करते देखे गये जहाँ दोनों देशो के सीमओं को लेकर कोई द्वेष नहीं हैं मसलन कई बार चीनी सैनिक उत्तराखंड में गस्त करते देखे गये 
सिक्किम में चीनी सैनिक 10 दिनों तक भारतीय सीमा में रहकर गये और समय समय पर चीन ऐसे गस्ते करके भारत पर मनोवैनिक दबाव बनाने का काम करता रहा हैं तीन साल पहले की बात करे तो  चीन के तत्कालीन राष्ट्रपति हु जिंताओ ने भारत को चेताते हुए कहा था की भारत 1962  को ना भूले और अपनी हदों में रहे ताकि हमारे रिश्ते बरकरार रहे चीन के मौजूदा राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हाल में हुए  डरबन ब्रिक्स सम्मेलन में कहा की भारत के साथ हम अच्छे रिश्ते चाहते है जो की इस नए मामले में  दिख रहा है की वे कैसे अच्छे रिश्ते चाहते है 









                  

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